नई टिहरी। टिहरी जिले में मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ । जिले में कहीं से भी कोई अप्रिय घटना का समाचार नहीं है ।जिलाधिकारी सहित कई लोगों ने मतदान केद्रों पर जाकर मतदान किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के द्वारा मतदान केद्रों पर निरीक्षण किया गया । मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए भी आवश्यक निर्देश दिए । जिले में आठवीं लोकसभा व अब तक टिहरी संसदीय सीट पर 19 वें चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हो गए ।जिले में इस चुनाव पर जिला प्रशासन का सबसे अधिक जोर मतदान प्रतिशत बढ़ाने में रहा है, लेकिन राजनीतिक दलों की निष्क्रियता के चलते पूरे जिले में जिस प्रकार से मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए मेहनत की गई उस प्रकार के सकारात्मक परिणाम देखने को नहीं मिले हैं। जिला मुख्यालय के अधिकांश बूथों पर सुबह 7:00 बजे से मतदान प्रक्रिया तो शुरू हुई लेकिन मतदाता नदारद दिखे। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं की उपस्थिति भी बहुत कम देखने को मिली और नहीं सुबह लोगों में मतदान के प्रति कोई खास रुझान नजर आया पूरे जिले में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक 2 घंटे के दौरान मतदान प्रतिशत 10% के आसपास घूमता रहा लेकिन दोपहर के बाद मतदाता घरों से निकले और दो – तीन बजे तक जिले का मतदान प्रतिशत 39.63% तक पहुंच पाया । जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ बूथों पर ही मतदाताओं में उत्साह देखने को मिला ।वेरगनी बूथ 133 पर दूल्हे अमन सजवान ने अपनी बारात जाने से पूर्व मतदान किया जिसमें बरात में शामिल होने वाले सभी बाराती मतदान में शामिल हुए और बारात जाने से पहले उन्होंने अपना मतदान किया, कीर्ति नगर देवप्रयाग में दूल्हा शशांक बिष्ट व दुल्हन दिव्या भण्डारी ने फेरे फेरने के बाद मतदान किया।ग्रामीण क्षेत्रों में यह भी देखा गया कि लोगों में मतदान के प्रति क्यों ज्यादा रुझान नहीं है अधिकांश ग्रामीण की यही शिकायत थी कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि व प्रत्याशी भी गांव में कम ही दिखे।अधिकांश लोग शहरी क्षेत्र में रोजगार में होने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में उनका नाम वहां पर भी शामिल होने से कई गांव का मतदान प्रतिशत गिरा अकेले जड़धार गांव में 121 से अधिक मतदाता सूची में तो शामिल थे लेकिन रोजगार के लिए बाहर जाने से वह अपने गांव में मतदान नहीं कर पाये।मतदान में कुछ बीमार लोगों ने भी रुचि दिखाई प्रताप नगर के मोटणागांव के बूथ पर 85 वर्षीय एक व्यक्ति ने अपना मतदान किया वहीं सखी बूथ घनसाली के बहेड़ा गांव में अवली देवी बीमार होने के बावजूद भी डोली पर लाकर उन्होंने अपना मतदान करवाया।