लुकआउट नोटिस ज़ारी होने के बाद शाइस्ता परवीन, शूटर गुड्डू मुस्लिम और सबीर देश छोड़कर कहीं नहीं भाग सकते। लुकआउट नोटिस की अवधि एक साल की है। जानकारी के अनुसार, कमिश्नरेट पुलिस की रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी, जिसके आधार पर यह कार्यवाही की गई है।
प्रयागराज पुलिस कमिश्नरेट द्वारा उमेश पाल मर्डर केस मामले में गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन , शूटर गुड्डू मुस्लिम और सबीर के खिलाफ लुकआउट नोटिस ज़ारी कर दिया है।
नोटिस ज़ारी होने के बाद वे अब देश छोड़कर कहीं नहीं भाग सकते। बता दें, लुकआउट नोटिस की अवधि एक साल की है। जानकारी के अनुसार, कमिश्नरेट पुलिस की रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी, जिसके आधार पर यह कार्यवाही की गई है।
आरोपियों को पकड़ने हेतु की जा रही छापेमारी
रिपोर्ट्स के अनुसार, यूपी पुलिस ने 9 अप्रैल को मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पर दोगुना इनाम कर दिया था। शाइस्ता परवीन पर 50 हजार का इनाम है। वहीं अधिकारीयों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, लुकआउट नोटिस में 5 लाख के इनामी गुड्डू मुस्लिम और साबिर का भी नाम शामिल है।
इसके अलावा पुलिस ने 19 अप्रैल को शाइस्ता परवीन की तलाश हेतु यूपी के कौशाम्बी में भी छापेमारी की थी। पुलिस के मुताबिक, यूपी के प्रागराज और आसपास के इलाकों में तलाश अभियान अभी भी ज़ारी है।
सभी अप्रवासन चौकियों को लुकआउट नोटिस भेज दिया गया है। अगर तीनों आरोपी देश से बाहर भागने की कोशिश करते हुए पकड़े जाते हैं, तो प्रयागराज पुलिस को संबंधित एजेंसियों से सूचना मिल जायेगी।
13 अप्रैल को एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के मारे जाने और अतीक के बेटे आजाद अहमद के मारे जाने के बाद से ही शाइस्ता फरार है।
अतीक के साले पर आरोपियों को शरण देने का आरोप
रिपोर्ट्स के अनुसार, 25 अप्रैल को अतीक के साले डॉक्टर अखलाक अहमद को स्वास्थ्य विभाग में अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने को लेकर निलंबित कर दिया था। इस समय वह प्रयागराज के नैनी जेल में बंद है। बता दें, अखलाक की मेरठ के भावनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनाती थी। अखलाक पर प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या के बाद फरार शूटरों को विस्फोटक मुहैया कराने और गुड्डू मुस्लिम को शरण देने का आरोप है।
शाइस्ता पर है कई मामले दर्ज़
इण्डिया टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में, प्रयागराज पुलिस ने 2 मई को मोहम्मद अतिन जाफर की गिरफ्तारी के संबंध में दर्ज एक प्राथमिकी में पहली बार परवीन को ‘माफिया’ के रूप में नामित किया था। जाफर पर शाइस्ता और साबिर को आश्रय देने के लिए गिरफ्तार किया गया था।
उमेश पाल हत्याकांड के अलावा, शाइस्ता पर राज्य के अलग-अलग थानों में पांच जालसाजी और धोखाधड़ी सहित सात अन्य मामले दर्ज़ हैं। पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि शाइस्ता ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था और लगातार अपना ठिकाना बदल रही थी।