टिहरी लोकसभा के धनोल्टी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत महत्वपूर्ण ठांगधार- थौलधार मोटर का निर्माण की केन्द्र सरकार की ओर से वन भूमि हस्तान्तरण स्वीकृति मिलने पर अब इस बहुप्रतीक्षित मोटर मार्ग निर्माण की आस जगी है। वन भूमि हस्तान्तरण स्वीकृति मिलने से उत्साहित क्षेत्र की जनता द्वारा धन्यवाद एवं सम्मान समारोह आयोजित करते हुए आशा ब्यक्त की कि शीघ्र ही मोटर मार्ग निर्माण प्रारम्भ होगा।
मुख्य अतिथि के रूप में सड़क स्वीकृति में लगातार प्रयासरत पूर्व जिला पंचायत सदस्य व पूर्व राज्य मंत्री अतर सिंह तोमर का विशेष सम्मान किया गया। सम्मान समारोह प्रारम्भ होने से पूर्व इस मोटर मार्ग के लिए संघर्षरत एवं समर्पित रहे बण्डवालगांव के पूर्व ग्राम प्रधान स्व० राजेश भट्ट के चित्र पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अतर सिंह तोमर ने कहा कि ठांगधार- थौलधार मोटर मार्ग के लिए क्षेत्र की जनता, जनप्रतिनिधियों ने बहुत संघर्ष किया है हमारा भी सहयोग रहा है और विधायक जी ने भी बराबर फोन करके शासन स्तर पर सहयोग किया। अब आशा है कि शीघ्र ही मोटर मार्ग निर्माण प्रारम्भ होगा। जब तक मोटर मार्ग निर्माण नहीं हो जाता जनता को हर संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा।
राज्य गठन के शुरुआत से ठांगधार- थौलधार मोटर मार्ग की मांग की जाती रही है। लगभग आठ किलोमीटर लंबाई का यह मोटर मार्ग 2008 में स्वीकृत हो गया था। लेकिन वन अधिनियम के चलते यह मार्ग अधर में लटका हुआ रहा। ग्रामीणों द्वारा देहरादून में वन मुख्यालय में तक प्रदर्शन किया गया। लंबे संघर्ष के बाद गत वर्ष केंद्र सरकार के केंद्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय से एनओसी मिलने के बाद अब इस मोटर मार्ग निर्माण की आस जगी है। क्षेत्र के क्यूलागी, बरवालगांव, बण्डवालगांव, बमराड़ी, कण्डरी,कोट,उज्याड़गांव,रतनौ, बरनोली सहित एक दर्जन से अधिक गांव के ठांगधार क्षेत्र में बगीचे हैं।जहाँ सेब, आड़ू, खुबानी, पुलम आदि के बगीचौं के साथ ही बड़े स्तर पर आलू,मटर व अन्य सब्जियों आदि की नगदी फसल की खेती होती है। मोटर मार्ग के अभाव में ग्रामीण नियमित पैदल आवागमन करते हैं। नगदी फसल सुगमता से मण्डियों तक नहीं पहुंचा पाते हैं।
यह मार्ग केवल क्षेत्र के ग्रामीणों के उपयोग का ही नहीं है बल्कि राजशाही के दौर से जब चारधाम यात्रा मोटर मार्ग नहीं था तब ऋषिकेश से नागणी, बहेड़ा, जड़ीपानी, ठांगधार,थौलधार पैदल गंगोत्री- यमनोत्री यात्रा मार्ग के रूप में 4 से 6 मीटर चौड़ा पैदल मार्ग बना हुआ था जो आगे भल्डियाना व छाम से गुजरता था। थौलधार कस्बा यात्रा पड़ाव था। थौलधार, भल्डियाना,छाम में बाबा काली कमली की धर्मशाला थी। पैदल गंगोत्री यात्रा मार्ग का रखरखाव कुछ वर्षों पूर्व तक लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाता रहा है।वर्तमान में भी बड़ी संख्या में पैदल कांवड़ियों द्वारा यही रास्ता पसंद किया जाता है और इसी से कांवड़ लेकर जाते हैं। इसी मार्ग पर बीस साल से जनता मोटर मार्ग निर्माण की मांग कर रही है। सरकारी उपेक्षा से त्रस्त क्षेत्र के ग्रामीणों ने 2017 में क्षेत्र की जनता ने एक आन्दोलन के रूप में दो माह तक पैदल यात्रा मार्ग को श्रमदान से मरम्मत कर हल्का वाहन योग्य बना दिया था। जिस पर स्थानीय के अतिरिक्त कई बार सरकारी वाहन भी चलते हैं। क्योंकि थौलधार क्षेत्र से यदि चंबा से होते हुए ठांगधार आना पड़ता है तो 60 किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ती है। जबकि ठांगधार- थौलधार मार्ग से मात्र 8 किलोमीटर में गंतव्य तक पहुंचा जा सकता है। ग्रामीणों के श्रमदान पर भी वन विभाग ने आपत्ति की थी और ग्रामीणों पर जुर्माना काटा था किन्तु तत्कालीन जिलाधिकारी के हस्तक्षेप पर मामला शांत हुआ था। तब से जनप्रतिनिधि, अधिकारी गाहे बगाहे इस मार्ग से अवगमन कर रहे हैं। इस मार्ग के बनने से स्थानीय जनता, काश्तकारों के साथ ही टिहरी बांध झील, डोबरा चांठी पुल, प्रताप नगर विकासखंड, चमियाला क्षेत्र चम्बा- मसूरी मोटर मार्ग से जुड़कर जहां आम जनता के लिए मसूरी देहरादून के लिए सुगम हो जाएगा वहीं एक बहुत बड़ा क्षेत्र पर्यटन हब के रूप में उभर जाएगा। क्षेत्र में रोजगार सृजन होने के साथ पलायन भी रुकेगा।
इस अवसर पर क्षेत्र पंचायत सदस्य क्यूलागी मान सिंह, क्षेपं० सदस्य बण्डवालगांव उमा भट्ट, प्रेस क्लब नई टिहरी अध्यक्ष शशिभूषण भट्ट, पूर्व जिपंस० श्रीमती रीता रावत, पवन रावत, राजेन्द्र रांगड़, प्रकाश बिष्ट, ऋषि भट्ट, गोविन्द सिंह राणा, ग्राम प्रधान बण्डवालगांव सुभाष सैनवाल, बरवालगांव जगमोहन चौहान, क्यूलागी रीना देवी, कोट जमनोत्री देवी, इच्छोनी मोहन डोभाल,चतर सिंह रावत, हुकम सिंह चौहान,आशा राम भट्ट,प्रेम सिंह रावत, चण्डी प्रसाद भट्ट, महावीर भट्ट, चन्दन सिंह रावत आदि मौजूद रहे।