मौसम के बदले मिजाज के साथ गंगोत्री धाम सहित हर्षिल घाटी में बर्फबारी हुई। उधर, यमुनोत्री धाम में भी सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। बर्फबारी होने से स्थानीय ग्रामीणों के साथ सेब काश्तकारों के चेहरे भी खिले हैं। दरअसल, इस सीजन में लोग बारिश-बर्फबारी का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। बर्फबारी नहीं होने से खासकर सेब काश्तकार चिंतित थे। हालांकि बीते 24 दिसंबर को हर्षिल में बर्फबारी हुई थी लेकिन कम होने से ज्यादा फायदा नहीं हुआ।
मंगलवार शाम को गंगोत्री धाम के साथ हर्षिल घाटी में बर्फबारी हुई। वहीं टकनौर क्षेत्रके ग्राम रैथल में भी हल्की बर्फ गिरी। क्षेत्र के माधवेंद्र रावत, मोहन राणा आदि ने बताया कि बर्फबारी होती है तो इससे खेती को पर्याप्त नमी मिलेगी। साथ ही सेब के पेड़ों को भी शीतमान मिलने से लाभ होगा। उधर, यमुनोत्री धाम में दोपहर बाद सीजन की पहली बर्फबारी हुई जिससे बड़कोट तहसील क्षेत्र में दोपहर बाद ठंडी हवा के साथ कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है।
मुनस्यारी में माइनस चार डिग्री तापमान पहुंचने के बावजूद अब तक अलाव नहीं जल पाए हैं जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले वर्षों तक ठंड शुरू होते ही मुनस्यारी बस स्टेशन, हॉस्पिटल गेट, शास्त्री चौक, स्टेट बैंक के पास स्थानीय प्रशासन की ओर से अलाव जलाए जाते थे। इस बार अब तक बाजार में अलाव नहीं जल रहे हैं।