दिनेश चन्द्र कुकरेती पेशे से एक शिक्षक हैं। वे राजकीय इन्टर कॉलेज द्वारी, रिखणीखाल में लगभग 15-20 साल से गणित शिक्षक हैं। वे 26 वर्षों से पक्षियो को बचाने व वनाग्नि रोकने के लिए तत्पर व प्रयासरत रहते हैं।उन्होंने कहा कि विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर एक हजार घोंसले ( नेस्ट बॉक्स) जो उन्होंने स्वयं बनाकर तैयार किये हैं वे इस दिन आम जनमानस को निशुल्क वितरित करेगें। उन्होने बताया कि वे मुख्य विषयों पर आम लोगों को जागरूक करेगें कि पक्षियो की कौन-कौन सी प्रजातियाँ विलुप्त होने के कगार पर हैं तथा उनके विलुप्त होने के क्या कारण हो सकते हैं। पक्षियों की प्रजातियों को आगे के लिए कैसे सुरक्षित करें। पक्षी अपना घोसला किन किन जगह बनाती है। उन्हें कैसे सुरक्षित रखें,पक्षियों को प्रभावित करने वाले कारक क्या हैं। हम अपने घर के आसपास किन पक्षियों का संरक्षण कर सकते हैं।पक्षियो के ध्वनि का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है आदि। दिनेश चन्द्र कुकरेती ने आम लोगों व पक्षी प्रेमियों से अपील की है कि विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर इस कार्यक्रम के भागी बनें व पक्षी परिवार के सदस्य बनें।